जेम्स वेब टेलिस्कोप ने हाल ही मे बाहरी-अन्तरिक्ष की तस्वीर हुयी है। इसने हमारी आकाश-गंगा के आस पास की स्पाइरल आकाशगंगाओ को कैप्चर किया है।
अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा से आने आने वाली अन्तरिक्ष की तस्वीरों को देखने के लिए लोग हमेशा उत्साहित रहते है। नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जब से अन्तरिक्ष मे सेटप हुया है, तब से ही वो हमे अन्तरिक्ष के वो भाग जिन्हे एक इंसान देखने की सोच भी नहीं सकता था, उनसे अवगत करा रहा है। नासा ने 2021 मे जेम्स वेब टेलीस्कोप को अन्तरिक्ष मे लॉन्च किया था और जुलाई, 2022 से वह अपना काम कर रहा है। यह अन्तरिक्ष मे 30 साल से मोजूद हबल टेलीस्कोप को रिप्लेस करेगा।
नासा ने सोमवार को इन तस्वीरों को रिलीज किया। अमेरिका के बाल्टीमोर में स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक ‘जेनिस ली’ ने एक बयान में कहा है कि जेम्स वेब टेलीस्कोप की नई तस्वीरे एकदम शानदार हैं और यह उन खोजकर्ताओ के लिए भी हैरान करने वाली हैं, जिन्होंने वर्षो तक इन आकाशगंगाओं को पढ़ा है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जेम्स वेब टेलीस्कोप पर लगे मिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट (MIRI) ने इन तस्वीरों को तैयार किया। MIRI ने कुछ ऐसे तारों की भी तस्वीरे ली है, जो अभी डेवलप हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि कैमरे में कैद हुई सबसे नजदीकी आकाश-गंगा भी धरती से 1.5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। सबसे दूर कैप्चर हुई आकाशगंगा पृथ्वी से 6 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है।
जेम्स वेब टेलीस्कोप ने कुल 19 स्पाइरल आकाश-गंगाओं की तस्वीरे खींची है। तस्वीरों से पता चला है कि आकाश-गंगाएं अंदर से बाहर की ओर बढ़ती हैं। इसका अर्थ है कि किस भी तारे का निर्माण आकाश-गंगा के केंद्र में शुरू होता है और फिर यह बाहर की ओर फैलता है। इसका अर्थ है कि जो तारा जितना आकाशगंगा के केंद्र में होता है, वह उतना ही नया और युवा होता है।
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