उत्तराखंड राज्य के गठन को 25 साल पूरे हो रहे हैं। इन 25 वर्षों में प्रदेश ने कई मुख्यमंत्री बदले, कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे और हर साल आपदाओं से जूझते हुए खुद को संभाला। लेकिन अब इस छोटे से पहाड़ी राज्य में राजनीति का एक नया रूप सामने आ रहा है जहां पहले नेता निशाने पर होते थे, वहीं अब अधिकारी भी ओछी राजनीति का शिकार बनने लगे हैं।
हर साल बारिश और आपदाओं के बाद उत्तराखंड को फिर से व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी अधिकारियों और सरकार दोनों की होती है। कई अधिकारी मेहनत और ईमानदारी से अपना काम करते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में यह देखने में आ रहा है कि जो अधिकारी निष्पक्ष होकर काम करना चाहते हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
इसी कड़ी में अब उत्तराखंड सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी को लेकर भी सोशल मीडिया पर गलत और भ्रामक पोस्टें की जा रही हैं। तिवारी ने अपने कार्यकाल में शिक्षा से लेकर सूचना विभाग तक कई अहम काम किए हैं और उनकी कार्यशैली की तारीफ सरकार से लेकर आम जनता ओर विभाग तक के लोगों ने की है।

लेकिन कुछ लोग बिना सबूत के उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैला रहे हैं। इसी सिलसिले में महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने देहरादून पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि कुछ लोग गैंग बनाकर उनके खिलाफ अपमानजनक पोस्ट और अफवाहें फैला रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि अगर उत्तराखंड जैसे संवेदनशील और आपदाग्रस्त प्रदेश में अधिकारी भी राजनीतिक शिकार बनने लगें, तो वे आम जनता के लिए ईमानदारी से काम कैसे कर पाएंगे?
जो अधिकारी प्रदेश के विकास के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, अगर उन्हीं की छवि को नुकसान पहुंचाया जाएगा, तो प्रदेश के विकास की राह और कठिन हो जाएगी।
