भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल रुपये (CBDC) में नए फीचर्स जोड़ने जा रहा है, जिससे डिजिटल रुपया और ज्यादा स्मार्ट हो जाएगा। साथ ही इसे ज्यादा जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। डिजिटल रुपये में जो दो नए फीचर्स जुड़ने जा रहे हैं, उनमें मुख्य रूप से इसकी प्रोग्रामिंग और ऑफलाइन इस्तेमाल शामिल है। अर्थात, डिजिटल रुपये से न सिर्फ साधारण ट्रांजैक्शन किए जा सकेंगे, बल्कि यह लेन-देन के अन्य तरीकों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसे खास तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा जिसमें सरकार की स्कीमें भी शामिल हो सकती हैं, या फिर बिजनेस आदि के लिए उनके खर्च का प्रबंधन करने में भी यह मदद कर सकेगा।
डिजिटल रुपये में दूसरा जो सबसे बड़ा फीचर जोड़ा जा रहा है, वो है इसे ऑफलाइन इस्तेमाल करना। यानी कि जहां पर इंटरनेट नहीं चलता है, या फिर जहां पर इंटरनेट की सुविधा ही नहीं है, वहां भी डिजिटल रुपये का इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह उन क्षेत्रों में क्रांति लाएगा जहां पर अभी तक मोबाइल इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है। RBI ने हालिया प्रेस रिलीज में इसका जिक्र किया है।
इसके अलावा, डिजिटल ट्रांजैक्शनों को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाने पर भी काम किया जा रहा है। आरबीआई इस दिशा में भी काम कर रही है कि कैसे डिजिटल वस्तुओं जैसे ऐप्स और गेम्स आदि कि सेल से देश को उसका उचित हिस्सा मिल सके।
जल्द ही RBI की ओर से डिजिटल रुपये के नियमों में एक बदलाव देखने को मिल सकता है ताकि डिजिटल लेन-देन को टैक्स के दायरे में लाया जा सके। इससे देश को ग्लोबल मार्केट में मौजूद प्रतिस्पर्धा में और ज्यादा मजबूती मिलेगी। डिजिटल करेंसी भविष्य की करेंसी है और इसका व्यापक, और सही इस्तेमाल सुनिश्चित करना देश के भविष्य लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है, जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल रहता है। यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह कार्य करता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसीज की तरह CBDC में वोलैटिलिटी और बाकी रिस्क नहीं होते।
डिजिटल रुपये से इंटरबैंक मार्केट अधिक एफिशिएंट बनने की संभावना है। चीन, घाना और फ्रांस जैसे देशों में CBDC प्रोजेक्ट्स का ट्रायल किया जा रहा है। इसके अलावा नाइजीरिया ने अपनी डिजिटल करेंसी शुरू की है।
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