श्री कल्कि धाम मंदिर का निर्माण अब आखिरकार शुरू होने जा रहा है। यह मंदिर पूरे 5 एकड़ में बनाया जाएगा और इसका निर्माण कार्य 5 साल में पूरा किया जाएगा। यह मंदिर भी बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से निर्मित होगा, जो कि सोमनाथ मंदिर और अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में भी उपयोग किए गए हैं। मंदिर का शिखर 108 फीट की ऊंचाई पर होगा और इसमें स्टील या लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा। श्री कल्कि धाम मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के विग्रह स्थापित किए जाएंगे, जिसमें 10 गर्भगृह होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हाजिरी दी। उन्होंने कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया, जो संभल में हुआ। हेलीपैड पर उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। बाद में, उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेते हुए कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया। इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान के दौरान, पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आचार्य प्रमोद कृष्णम भी उपस्थित थे।
भूमि पूजन अनुष्ठान के समापन के बाद, पीएम मोदी मंच पर आए, जहां श्री कल्कि धाम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम और स्वामी अवधेशानंद गिरि ने उनका स्वागत किया। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन्हें स्वागत भाषण में धर्म के महत्व के बारे में बताया और उनका आभार जताया।
इस मंदिर के निर्माण में देशभर से 11000 से अधिक साधु-संत भाग ले रहे हैं। कई धार्मिक नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अद्भुत क्षण में उपस्थित हैं।
PM मोदी ने अनुष्ठान समापन के बाद मंच से भाषण देते हुये कहा कि 22 जनवरी से देश के अंदर एक नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी है। भगवान श्रीराम ने जब शासन किया, तो उसका प्रभाव हजारों वर्ष तक रहा। उसी तरह रामलला के विराजमान होने से अगले हजार वर्षों तक भारत के लिए एक नई यात्रा का शुभारंभ हो रहा है। भगवान राम की तरह ही कल्कि अवतार भी हजारों वर्षों की रूपरेखा तय करेगा। हम ये कह सकते हैं कि कल्कि कालचक्र के परिवर्तन के प्रणेता भी हैं और प्रेरणास्रोत भी हैं।
Sanathan Dharam ki jai ho. Interesting post.